Meri maut par shayari मेरी मौत पर शायरी 300 +

मौत जीवन का आखरी सत्य है। मौत सभी को आनी है । मौत के आखिरी पलों में इंसान जो भी बोलता है या जो भी लिखता है उसमे किसी प्रकार की लग लपट नहीं होती है। उसमे अपने दिल के अरमान होता है। क्योकि इंसान मरते समय कभी झूठ नहीं बोलता है। वही बोलता है जो उकसे दिल में चल रहा होता है। जब एक व्यक्ति मौत के नजदीक हो व उसके सभी साथी उससे दूर हो तो वह अपने दिल के अलफाज कागज पर लिखता है , तो उसमे कितनी हकीकत और कितना दर्द होता है । तो पढे मेरी मौत पर शायरी meri maut par shayari .

अ मेरी जिंदगी तुम कब मेरी जिंदगी में आएगी ।

हो जाऊंगा दुनिया से रुकसत तब वो ,

मेरी मौत पर वो जश्न मनाएगी ।

मरने के बाद में तो नहीं देखुंगा तुझे जानेमन ,

भूलकर तुम मुझे किसी और को चाहेगी ।

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चने वालों ने देखा तमाशा मेरी मौत का ,

क्या उम्मीद रखें जानवरों जैसी सोच का ।

Meri maut par shayari

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आज नहीं तो कल मौत को आना ही है ,

एक ना एक दिन ईद दुनिया को छोडकर जाना ही है ।

फिर क्यों दिल लगाए इस दुनियाँ से ,

एक न एक दिन सभी को अलविदा कह जाना ही है ।

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जिदंगी सुलगती  रही , तेरे दिल में नफरत की आग जलती रही ॥

तुम्ने की मेरे मौत की साजिस ,

फिर भी मेरे दिल में तेरे प्यार की जोत जलती रही ॥

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मेरे मरने से पहले मेरी मौत का मातम करने लगी ।

हमे अंदेसा हो गया उनके प्यार का,

हमे छोडकर वो चुपके चुपके कीसी और प्यार करने लगी॥

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ऐसी जिदंगी से मौत आ जाए तो बेहतर है ,

जिल्लत भजी ज़िंदगी से तो मौत बेहतर है ।

कर कोई नया सवेरा मेरी ज़िंदगी में ए मेरे मालिक

नहीं चाहिए एसी ज़िंदगी ए मेरे मालिक ,

 ऐसी ज़िंदगी से तो मौत बेहतर है

तुम बाहों में हमारे, प्यार किसी और से,

ये हमारे बस की बात नहीं,

पल पल मरने से अछा है एक साथ मौत देदे,

रो जी जी कर मारना मेरे बस की बात नहीं  ॥

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मेरी जिदंगी मे चैन और सकून नहीं ,

अब हमें मौत चाहिए  ज़िंदगी पर हमे अब यकीन नहीं ।

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जब वक्त खराब हो तो

जहर पीने से मौत कहां आती है ,

चाहे लाख करो मरने की कौशिश

समय से पहले मौत नहीं आती है ।

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तुझे भूलाने के लिए पी रहा हूं मैं ,

मेरे लिए जीवन क्या बड़ी चीज है ,

 में पल पल तुझे दूर हो रहा हूँ

मेरे लिए मौत क्या बड़ी चीज है ॥

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जशन मनाना यारो मेरी मौत पर ,

मिले लाखों लोगों को खुशी मेरी मौत पर ,

लोगो कहेंगे में मर गया हूँ ,

हंसी आती है मुझे एसी सोच पर ॥

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तेरी बदनामी के डर से पी रहा हूँ,,

मेरे कारण तू बदनाम ना हो

इसलिए में कल से जीना छोड़ रहा हूँ ॥

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बिना चाहत के कोई सँवरता नहीं ।

बिना प्यार के कोई डरता नहीं ।

बिन मौत कोई मरता नहीं ,

बिना स्वार्थ के कोई प्यार करता नहीं ।

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दिल धड़कना जरूरी है जिंदा रहने के लिए ,

प्यार महोबत कुछ नहीं होता ,पैसा जरूरी है साथ रहने के लिए ।

में तुझसे प्यार करती हूँ बाबू , ये सब अच्छा लगता है कहने के लिए ॥

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जितना जीना था जी लिया ,

फिर जो हाथ मे लगा उसे पिलिया ।

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जब मौत लिखी होती है हाथों की लकीरों में ।

फिर क्या रखा है तकदीरों में ।

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तेरी याद मे मरे जा रहे हैं ,

चढ़ ही नहीं रही साली ,

पैग पर पैग धरे जा रहे हैं।

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ले जाकर मौत मेरा क्या करेगी,

मेरे आगे पीछे कोई रोने वाला नहीं ।

तू मुझे क्या डराएगी ए ज़िंदगी

ये सब तेरे को बहुत महंगा पड़ेगी॥

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तू कहे तो खुदखुशी कर ले हम ।

पर तेरे बिना मजा नहीं आयेगा।

मर जाएँगे हम अकेले ।

मेरे मरने के बाद तुझे कौन सताएगा॥

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हमने जीवन में कभी शराब नहीं पीई थी,

हमने अकेले ज़िंदगी कभी जीयी  नहीं थी ॥

पर तेरे बिना अकेले जीना पड़ेगा।

जहर जिंगी का पीना पड़ेगा ॥

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फिर रोएगी तू बेहताशा ,

जब दुनिया देखेगी मेरी मौत का तमाशा ।

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क्या पता पुलिस की गोली से मर जाएं ,

क्या पता खून की होली से मर जाएं ,

हम आजाद परिंदे है मेरी जान ,

हम किसी की चुनरी पर या किसी की चोली पर मर जाये ॥

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मौत तो एक दिन सबको आनी है ,

खत्म होगी एक दिन सब की कहानी है।

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जिदंगी ने गम क्या कम दिये हैं,

तुम क्या दुखी करोगी मुझे ।

हम पूरी जिदंगी दुखों के सहारे जीए है ॥

ये शायरी आपका दिल पसेज देगी

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