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Rajput Shayari In Hindi {110 +} राजपुती आन बान और शान पर शायरी , Rajput status

Rajput par shayari, दोस्तों राजपूत का दूसरा नाम बहदुरी और इंसाफ है। राजपूत अपनी आन बान और शान के लिए हमेशा लड़ते रहे है। राजपूतों ने कभी सर झुकाया नहीं, राजपूत सर झुकने से बेहतर काटना मानते है। आज लोग राजपूतों का मान सम्मान उंनकी शान और इंसाफ के लिए करते है। राजपूत वो है जो अपने स्वार्थ के लिए नहीं जीता है। राजपूत के सामने किसी पर अन्याय होता है तो उसे अनदेखा नहीं कर सकता है। तो दोस्तों हम आपके लिए Rajputi shayari का भंडार लेकर आए है। उम्मीद है की आपको राजपुती शायरी जरूर पसंद आएगी ॥ राजपूत पर शायरी, राजपूती शायरी ॥

राजपूत के जीने का अंदाज अनोखा है

राजपूतों को हल्के में लेना तुम्हारी नजरों का धोका है ॥

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बंद आँखों से नहीं खुली आँखों से देखते है ख्वाब है

हम राजपूत है जनाब हम राजपूत है जनाब ॥

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राजपूत की दोस्ती में वादा होता है

इसमे घात कम विसवास ज्यादा होता है ।

इसमे आन मान, शान और अटल इरादा होता है ॥

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राजपूत अपनी जिद पर आ जाये तो दुनिया उलट देते है

अपनी शान पर आ जाए तो ताकते पलट देते है ,

मत छेड़ना एक राजपूत को, खूंखार राजपूत शासन पलट देते है॥

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लेखक तो पन्नों पर किताब लिखते है

हम राजपूत है जनाब ,

खड़े हो जाये जिस जमी पर उस जमी पर इतिहास लिखते है॥

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मिटाये नहीं मिटती हस्ती हमारी

हटाये नहीं हटती बस्ती हमारी

लाख तूफान आ जाये समुंदर में ,

डूबती नहीं किसती हमारी है ॥

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मर गए हमे मिटाने वाले ,

हम राजपूत है जनाब ,

कोई सुरमा नहीं है हमे धूल चाटने वाले ॥

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जिस जमी पर डट गए हमे सीना तन के

कोई पैदा नहीं हुआ हमे पीछे हटाने वाले ॥

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जिसके सर पर राजपूत का हाथ है

मानों भगवान उसके साथ है ॥

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हम राजपूत है जनाब हम एक शान के लिए जीते है

हम अपनी जीन देकर भी दूसरे की जान के लिए जीते है

बह जाये हमारे खून का एक एक कतरा

फिर भी हम अपने वतन की शान के लिए जीते है।।


राजपूत बंदूक नहीं तोप है

मायूस दिलों की हॉप है

बचकर रहना राजपूत की तलवार से

वरना विदा हो जाओगे इन संसार से ,

धोका बरदास नहीं होता राजपूतों को ,

कुछ चाहिए तो बोल देना

हम सब कुछ दे देंगे प्यार से ॥

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ना छेड़ोगे तो हम ठंडे पानी के गोले है

आई हमारी शान पर तो हम धधकते हुए शोले है ॥

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प्यार से कुछ भी मांग लेना दानव की तरह,

हमसे चालाकी की तो हम शिव शंकर भोले है॥

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देश की शान है राजपूत

देश की आन बान है राजपूत

राजपूत को इगनोर नहीं कर पाओगे

क्योकि देश की पहचान है राजपूत ॥

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वो हर मौसम लड़ लेते है ,

वो हर किसी का चेहरा पढ़ लेते है,

हम राजपूत है जनाब,

हम गहरी ऊंचाइयों पर भी आसानी से चढ़ लेते है।।

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जिसकी रगों में देशभक्ति का खून वो राजपूत

जिसके दिल में देश के लिए जुनून वो राजपूत ॥

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सरफिरा सा हु पर देश के लिए पागल हूँ

कोई आंच आने नहीं दूंगा मेरे देश को

चुन चुन कर निकालूँगा गद्दारों को ,इतना तो कायल हूँ॥

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नकल करने से राजपूत नहीं बन जाता

मूंछ रखने से कोई राजपूत नहीं बन जाता

शेर जैसा जिगरा चाहिए राजपूत होने के लिए

खुद का बलिदान देना पड़ता रहा राजपूत होने के लिए ।।

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क्या तेरे में इतना जुनून है,

लाचार और गरीब को की रक्षा कर सके

क्या तेरी रगों में वो खून है ।।

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हर कोई राजपूत की नकल करता है

मगर नकल करने से क्या होगा

शेर जैसा गिजरा होगा वही राजपूत होगा ॥

हम राजपूत है जनाब हमरे खून में आग है

क्या कीचड़ लगाओगे हमारे दामन पर हमारा दमन बेदाग है ,

हमे मौत से डर नहीं लगता जनाब है

हम मौत के लिए भी बेताब है ॥

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जब चलती है राजपूत की तलवार,

मैदान में बह जाती है खून की धार ॥

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अगर पता लगाना हो अपनी औकात का

बस नाम ले लेना रजपूत जात का ॥

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कंधे पर रखते है दुनाली है

आजमा के देख लेना

राजपूत का वर नहीं जाता कभी खाली॥

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जो यम का साथ दे उसे यमदूत कहते है

जो अपनी मर्दानगी का सबूत दे उसे राजपूत कहते है॥

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दिल में जिसके रहम हो,

होसले जिसके कम ना हो

बाजुओं में जिसके दम हो

हो तो ऐसे की राजपूत के कम ना हो ॥

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सुनो अ दीवानी हम तुझे पाने का जिगर रखते है

हारी हुई बाजी को भी जीतने का हुनर रखते है ॥

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हम राजपूत है ये मत जाना भूल

जब हम चलते है काँपते है धरती उड़ती है धूल॥

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जो भी कबख्त गुसताकि करेगा राजपूत की शान में

वो जलता दिखेगा शंमशान में ॥

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दिल होने से क्या होता है सिने में जिगर होना चाहिए

राजपूत जैसी मूंछ होने से क्या होता है सिने में दम होना चाहिए॥

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ये हसीना हमे आँख ना दिखाया कर

पता है ना हम राजपूत है ।

किस्से कैसे लड़ना है हम मत सिखाया कर ॥

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अगर प्यार से कोई जान लेता है तो हम देने को तैयार है

अगर हमे कोई गुस्सा दिखाई तो हमे निडर और खूंखार है॥

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जिसकी सात पुसतों ने खून बहाया हो ।

आफ्नो के अलावा उसे किसने डराया हो॥

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तुम मेरे सामने क्यों आए हो सरिया लेकर

हम राजपूत है जनाब है ।

हम पैदा होते है सिने में आग का दरिया लेकर॥

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राजपूत की शान है आंखे

इसे नम नहीं होने देते

कटा सकते है सर अपना पर झुका नहीं सकते ॥

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बिना किसती के कभी किनारा नहीं मिलता

ना तो राजपूत जीवन में , तो कभी

मान से जीने का सहारा नहीं मिलता

बिना राजपूतों के देश को दुश्मनों से छूटकरा नहीं मिलता ॥

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राजपूत है तो देश महान है

राजपूतों से देश की आन बान और शान है ।

दिल से लगाले राजपूत दो दरिया है

रूठ जाए तो समुद्र में उठता तूफान है॥

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रन छोडकर राजपूत कभी भागा नहीं

टूट जाये राजपूतों से जुड़ा रिस्ता , वो कच्चा धागा नहीं

छोकर मौत को वापिस आ जाता है , कच्ची नींद से कभी वो जागा नहीं॥

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आज हर कॉम राजपूत की दीवानी है

इनके सिने में जज्बा और दिल में रवानी है

इनके खून में उबाल और वीरता खानदानी है॥

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जिंनकी नाव डूबती नहीं समुद्र की मझारों में

सर काट देते है दुश्मन का इशारो इशारो में॥

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हम राजपूत है जनाव कोई प्यार से मांगे तो हम जान भी दे देंगे

दिल लगाकर दिल से खुच मांगे तो हम अपने आपको खो देंगे

अगर प्यार से कोई हमे मांगे तो हम खुद को खो देंगे

अगर दिखये कोई रोब हमे , तो हम उसे बिना साबुन के ही धो देंगे॥

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वो सीना तानकर चलते है

कफन सर पर बांधकर चलते है

हम राजपूत है जनाब

अपनी धड़कन बांधकर चलते है॥

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दुश्मनी क्या होती है हम पल भर में सीखा देंगे

भिड़कर हमसे देख लो , पल भर में खून का दरिया बहा देंगे ॥

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खिदमत में आकार तो देखों हमारी

हम आपको इज्जत करना सीखा देंगे।।

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हम राजपूत है जनाब, हमसे तो यमराज भी डरते है

बड़े बड़े राजा हमारे आगे नमन करते है

हमे पल पल की खबर नहीं

हम एक पल में कईयों का हिसाब करते है॥

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शेर की तरह जंगल में खुला चले वो राजपूत

सिने में जज्बा और कमर पर तलवार बांधकर चले वो राजपूत

गरीबों की आबरू को खुदकी आबरू समझे वो राजपूत

तपते रिगिस्तान और बर्फ में पले वो राजपूत॥

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जब हम चलते है तो हवा का रुख बदल जाता है

चले एक  ऐसी लाइन में तो दल बदल जाता है

करे किसी गई से इतना प्यार की

कुछ ही पल मे उसका मन बदल जाता है॥

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हमसे हवा का रुख बदल जाता है हम राजपूत है यार

बहाएँ जिस किसी की तरफ हाथ उसे खूब करते है प्यार ॥

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अपनी तलवार को तेज कारों राजपूत के सामने टिक नहीं पाओगे,

अगर दिखा दी तुझे राणा की ताकत तो तुम मैदान में दिख नह पाओगे॥

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जो हवा का रुख बदल देते है वो याजपूत है यार

सिने में सोले रखते है और हाथ में तलवार ॥

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हम गुलाम किसी के नहीं बनते

हम राजपूत है बिना तलवार के नहीं चलते

अगर कर लिया किसी राजपूत ने वादा तो

वो ज़िंदगी भर नहीं बदलते ॥

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यारों के लिए खुद का घर जला सकती है

रोड़े तो क्या बड़ी बाद है पहाड़ भी हटा सकती है

 राजपूत की यारी जिगरी के लिए पैदा तो क्या

लहू भी बहा सकती है ॥

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जख्म भले ही गहरे हों ,

अगर इरादे राजपूतों की तरह

मजबूत हों तो क्या नहीं हो सकता ।

राजपूतों ने भले जागीरदारी छोड़ दी

पर वो आज भी लड़ना नहीं भूले

होता दिखे सामने अन्याय किसी के साथ

तो सुलगने लगते है आग के सोले॥

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पानी के बहाव से तेज है हम

गोली की रफ्तार से तेज है हम

हमसे जमाना है जमाने से नहीं हम ॥

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हमारा दीवाना ये जमाना है

हमारा ठिकाना राजपूताना है ॥

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सर धड़ से अलग हो जाये फिर भी लड़े वो राजपूत

मर जाये सारी सेना फिर भी आगे बढ़े वो राजपूत ॥

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जंजीरों में बंधे रहना राजपुओं की आदत नहीं

इनको कोई रोक ले दुनिया में ऐसी कोई ताकत नहीं॥

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हम बाहर से शांत दिखते है पर अंदर तूफानी है

हम लड़कर इतिहास लिखते है , अमित हमारी कहानी है॥

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शरीर से भले कमजोर है हम

शेर जैसे जिगर वाले है हम

बकवास बातों में समय खराब मत कर

देख ले मैदान में आकर किसमे है कितना दम ॥

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मुगलों के सामने राजपूत अकेले थे

आज भी अकेले है

जिनके दम पर आज तूम उछल रहे है

वो सब हमारे चेले है॥

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हमे मौत के सौदागर है हमारा मौत क्या बिगाड़ेगी

हम इंसाफ के लिए लड़े है सौत हमारा क्या बिगाड़ेगी॥

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हम राजपूत है जनाव हम दिल की सुनते है

वो पठार को भी चीर सकता है जिसे हम चुनते है॥

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इतिहास उठाकर देख लो , हम हमेशा लोहा लेते आए है

इंसाफ के लिए हम दूध से नहीं बलकी खून से नहाये है ॥

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राजपूत चलकर किसी को छेदते नहीं

अगर राजपूत को कोई छेड़े तो वो छोडते नहीं॥

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अकड़ हमारी खानदानी है

पहचान हमारी राजपूतानी है

मूँछों पर ताव देते है और

तलवार हमारी निशानी है॥

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बात ना कर हमारे आगे मर्दानगी की हम राजपूत है

डरते नहीं किसी से हम उस धरती माँ के सपूत है॥

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हर किसी से दिल हम जोड़ते नहीं

एक बार जोड़ लिया तो फिर हम छोडते नहीं॥

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राजपूत होने के लिए

दिल नहीं जिगरा चाहिए ॥

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बत्तमीजी से बात करने वालों को राजपूत झेलते

 नहीं सीधे पेलते है

तूम जिसे नमूने से तो हम दिन रात खेलते है ॥

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दोस्ती करोगे तो राजपूत से

तो हर कदम साथ देगा,

दुश्मनी करेगा तो तो राजपूत बर्बाद कर देगा ॥

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शांत रहने वाले समुद्र की ताकत को तू क्या पहचानेगा

जिस दिन सामना होगा राजपूत से तो तू अपनी औकात जानेगा॥

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अगर हम राजपुत अपनी पर आ गए तो

फिर हम किसी की नहीं सुनते

दोस्त् तो दूर की बात हम तो दुश्मन को भी देखकर चुनते है ॥

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जिस दिन राजपूत अपनी सीमा भूल गया

उस दिन समझो तू फांसी पर झूल गया॥

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राजपूत जिगरे वाले है हमे दर का कोई वास्ता नहीं होता

जहां पर कदम रख देते है , दुश्मनों के पास भागने का रास्ता नहीं होता॥

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तूने राजपूत का प्यार देखा है गुसा नहीं ।

जिस दिन अपनी पर आ गए ,

उस दिन सुखी लकड़ी मिलेगी

जो गज जमीन का हिस्सा नहीं ॥

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सो सुनार की एक लोहार की

दोनों की ताकत है दोनों के संसार की॥

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वक्त को हम बदल देते हैं ,

राजपूत हैं जनाब ,

जंहा मन करे चल देते हैं।

आग में जलके देखा है

हमने तेल में तलके देखा है

जिसे कोई मिटा नहीं सकता है

राजपूत ऐसी रेखा है॥

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डर डर के जीना राजपूतों का इतिहास नहीं

चुनौती जीवन का का हिस्सा है, मौत हमारे लिए कुछ खास नही॥

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जिसने राजपूतों का मजाख उड़ाया,

उसे  भगवान भी नहीं बचा पाया,

जिसने किया राजपूतों का सम्मान

राजपूतों ने किया हमेशान उसका गुणगान ॥

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हर पल राजपूत की तलवार खून मांगती है

ठंडा नहीं होने देती राजपूतों को ये तलवार

हर वक्त ये रजपूती जणून मांगती है॥

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अगर दम है तो आग पर चलके दिखाओ

हिम्मत है तो रजपूती तलवार का सामना करके दिखाओ ॥

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हम राजपूत है चूहा नहीं की बिल्ली से छूप जाये ,

हम तो शेर है जंगल के जो शिकार से चूक जाए॥

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अगर पिंजरे में शेर होता है तो वो चूहा नहीं होता

अगर राजपूत है शांत है तो वो डरपोक नहीं होता॥

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हम सीना चीरकर अपना सबूत देते है ,

हम राजपूत है जनाब, वक्त आने पर वजूद देते है॥

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हम धोके को बरदास नहीं करेंगे ,राजपूत है हम जनाब

लड़कर भी आगे बढ़ेंगे और पूरा करेंगे खवाब॥


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