राजपूत गोला शब्द से क्यों चिड़ते है, वास्तविकता जाने , Reality of Gola Rajput History
नमस्कार दोस्तों आपका स्वागत है ,हमारे हमारे ब्लॉग sapnemein.com में , दोस्तों बहुत से ऐसे शब्द होते है, जो हमारे दिल में चुभते, लेकिन दोस्तों जिन शब्दों से हम चिड़ते है, उन शब्दों का हमे अर्थ तक पता नही होता, जैसे अगर किसी जाट को घोडता, कुम्हार को पादा और माली को जाली कह दिया जाये तो वह इतना ज्यादा चीड़ जाते है, की वो बिना सोचे समझे इन शब्दो को सुनकर आग बबुल होकर ,हम पर हमला बोल देते है।
आज हम बात करेंगे की राजपूत या ठाकुर को गोला क्यो कहा जाता है, अगर आप एक वात्सविक राजपूत है , और आप इस इन शब्दों से चिड़ते है , तो इस वीडियो को देखने के बाद चिड़ना छोड़ देंगे, गोला शब्द का वास्तविक अर्थ जानने के लिए वीडियो को अंत तक जरूर देखें। आज से दस दिन पहले की बात है, मेरी दुकान में पांच बूढ़े आदमी बैठे थे, वो एक दूसरे के साथ जातीय शब्दों के साथ मजाक कर रहे थे, तभी एक जाट ने राजपूतों को गोला कह दिया।
तभी एक राजपूत गुस्से से भर गया और जाट के साथ लड़ने लगा, कहने का अर्थ है, की उससे मजाक सहन ना हो सकी, और वो उस जगह से उठकर चला गया। ये सारी घटना में अपनी आँखों से देख रहा था। थोड़ी देर बाद सभी लोग वहाँ से चले गए , लगभग आधे घंटे बाद वो राजपूत बुढा मेरे पास आया, वो राजपूत मेरे मुँह लगता व्यक्ति था, में उसके साथ हंसी मजाक करता रहता था, फिर भी मैंने उस बुढ़े व्यक्ति से डरते हुए पूछ लिया, मैंने कहा ,ताऊजी, जब उस जाट व्यक्ति ने गोला शब्द बोला तो महेंद्रसिंग जी राठौड़ को इतना गुस्सा क्यों आया। गोला शब्द में ऐसा क्या है, की वो गुस्से से आग बबूला हो गए । जबकि आप भी एक राजपूत है, लेकिन आप तो गोला शब्द से नही चिड़े ।
तभी उस बूढ़े राजपूत व्यक्ति ने बताया की, में राजपूत नही हूँ, में गोला हूँ, मैंने चोकते हुए कहा, ताऊजी आप ये क्या बोल रहे, जब किसी राजपूत को गोला बोल दिया जाता है, तो हिंसक हो जाता है, गोला शब्द को लोग गाली सूचक शब्द के के रूप में काम लेते है। जबकि आप खुद को बड़ी शान के साथ गोला कह रहे है। उस बूढ़े राजपूत व्यक्ति ने मुस्कुराते हुए कहा, की गोला शब्द कोई गाली नही, गोला शब्द की उत्पति गुलाम शब्द से हुई है। पुराने समय में जब दास प्रथा प्रचलित थी, उस समय जब राजपूत की लड़की की शादी होती थी, उस लड़की की सेवा हेतु अन्य जाती की एक लड़की गुलाम के रूप में साथ भेजी जाती थी।
वो लड्की राजपूत लड़की की सेवा करती थी ,वो लड़की दासी या गुलाम कहलाती थी। जब उस गुलाम महिला के बच्चे पैदा होते थे , तो उन बच्चों को गुलाम या गोला कहा जाता था। यानी गुलाम की संतान को गोला कहा जाता था। गोला शब्द से वही लोग चिड़ते है, जो नकली राजपुत है, जब आजादी के बाद दास प्रथा खतम हुई , तो वो गुलाम आजाद हो गए, आजाद होने के बाद , वे लोग अपने आप को ठाकुर या राजपूत बताने लगे, अपने आपको ऊँची जात का दिखाने के लिए ,वो अपने नाम के आगे ठाकुर या राठौड़ लगाने लगे। दोस्तों अगर आप किसी जातीय शब्द से चिड़ते है ,या आपको कोई जाती सूचक गाली देता है ,तो आप उस गाली को कॉमेंट बॉक्स में लिखकर हमे भेजें। ताकि हम उस गाली सूचक शबद् के बारे मैं सही जानकारी दे सके। क्या आपको
नोट- दोस्तों हमारा मकसद किसी को गली सूचक शब्दों से छिड़ना या किसी की भावना आहत करना नहीं है। हम समाज में चल रही गलियों को खतम करना चाहते है। अगर आप कोई राजपूत, ठाकुर, माली या कुम्हार है, तो हमारी बात को जानकारी मात्र समझें। इस विडियो में बताई गई जानकारी की हम पुष्टि नहीं करते है। क्योकि इन बातों का हमारे पास कोई दस्तावेज़ नहीं है। ये बात तो हमे एक राजपूत जाती वृद्ध व्यक्ति ने बताई थी।
राजपूतों की सच्चाई || Reality of Rajput History and now || Rajput Mystery
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